Friday, November 2, 2007

जन्मदिवस

नव-नव मंगल जीवन शुभ हो,
कर्तव्य प्रेरणा प्रहसित मुख,
इच्छित फलप्रद सिद्ध भवे शुभ,
रहे प्रवहमान नित परम सुख;

मंगल जीवन आरोग्य सिद्ध हो,
शुभ संकल्प नित फलीभूत हो,
भाव-कलश यह मंगलकारी,
सुमन-संदेश का अर्पणकारी ;

सुमन- कुसुम- सा जीवन महके,
भाव कोकिला पंचम गाये,
बीते क्षण सुंदर सुन्दरतम,
भविष्य सिद्ध हो नित प्रसन्नतम;

सुखद-सौम्य रहें दिन सुंदर,
सद्-भाव का सतत्-संयोजन,
सुखमय हो यह वयष मित्रवर ,
श्रेष्ठ सौम्य विशद सुन्दरतम;

भवें सिद्ध संकल्प नव नूतन,
हँसीत प्रसन्नचित सुंदर जीवन,
नित दिवस सिद्ध हो मंजुतम,
शुभ संयोग संग सुखमय जीवन;

जीवन के विहसित उपवन में,
जीवन का हो हर क्षण सुंदर,
यह वयस सिद्ध हो सुन्दरतर,
जीवन बने मधुरिम सुन्दरतम ;

Tuesday, October 30, 2007

मैत्री-याचना

एक स्नेह बंधन चाहता हूँ,
दो बूंद नेह मैं माँगता हूँ,
हृदय से जो पुकार उठी है
उसका संबल मैं चाहता हूँ;

यह शुध्द हृदय से निकलीं हैं,
भाव सागर की ये लहरें हैं,
मधुर-प्रिय चित्र जो मन में है
उसको साकार मैं चाहता हूँ;

कुछ बातें कहनी बाकी हैं,
भाव अब तलक़ एकाकी हैं,
जो कुछ मन में है उमड़ रहा
वो तुझसे कहना चाहता हूं;

भाव-जगत् में मैं हूं अकेला,
मन में है प्रतीक्षित वह वेला,
मैत्री की सुमधुर गलियों में
संग तुम्हारा मैं चाहता हूं;

कुछ ही खुशियाँ अपनी हैं,
यह एक दान मैं चाहता हूं,
स्वप्न में थी जो चेहरे पे
वो इक मुस्कान मैं चाहता हूं;

Tuesday, October 2, 2007

कही - अनकही

ढ़ेर सारी बातें मन में आती-जाती रहती हैं। कुछ अपने गंतव्य को ढूंढ़ लेती हैं, कुछ मन की गहराइयों मे ही दबी रह जाती हैं।